Monday, February 1, 2010

मेरा टूटता बिखरता देश

मैं कोई देशभक्त बन्दा नहीं हूँ मगर कहते है न की आप माँ को भले ही प्यार न करते हूँ फिर भी अगर माँ पर संकट आता दिखे तो हर बेटा सोचने लगता है मैंने भी सोचा। आज की तारीख में तकरीबन १२ नए राज्यों की मांग जोर पकड़ रही है तेलंगाना का मुद्दा सबसे ज्यादा गरमा रहा है। विदर्भ के लिए भी कम जोर नहीं लग रहा।
नेता लोग कहते है की छोटे राज्यों से विकास होता है। जैसे झारखंड, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, का हो रहा है। नागालेंड, manipur, tripura, के विकास को कौन नहीं जानता । राजनीती वहां की इतनी स्थिर है कि दो विधायक ही सत्ता बदल डालने कि ताकत रखते है। बहुमत के लिए विधायक चाहिए ही कितने।
अमेरिका का उदाहरण देते है जहा ५० राज्य है पर शायद भूल गए कि उसका आकर भारत से तीन गुना है इस तरह तो वहां ८० राज्य होने चाहिए जबकि वहां इतने ही राज्य अमेरिका के बन्ने के समय थे उतने ही अब है एक भी नया राज्य नहीं बनाया गया ।
मामला दरअसल देश के development का नहीं है अलग राज्य की मांग वो नेता कर रहे जिनका कोई राष्ट्रया आधार नहीं चन्द लोगों को इकठ्ठा करके नया राज्य गठित कराकर वो सत्ता में आना चाहते है और सेंटर में बैठे लोग भी एक मुट्ठी लोगों के समने झुककर अपना वोट बैंक खो देने के डर से उनकी मांग को ममन लेते है
आज दए लोग नया राज्य मांग रहे है कल को दए नया देश मांगने लगेंगे। क्या मुश्किल है यार ?????संयुक्त राष्ट्र में समर्थन ही कितने देशो का चाहिए नया देश बनाने के लिए शायद २४-२५ या इससे कुछ ज्यादा। सब जानते है हमारी intelligence agencies के क्या हल है ??? raw के ज्यादातर अधिकारी अमेरिका परस्त है । लगभग ७५% रिटायर होकर अमेरिका में बसते है। जब अमेरिका और चीन जैसे देश भारत को नुकसान पहूचना चाहते हों तो उनके लिए २४-२५ देशो का समर्थन इकठ्ठा करना कितना मुश्किल है ??????
देश टूटता तो क्या हाल होता है हमसे ज्यादा बेहतर कौन जन सकता है । अपने देश के ह्स्सो में चीन को घुसने से तो हम रोक नहीं पा रहे है पाकिस्तान से कश्मीर तक हासिल नहींकर पा रहे है क्या देश को टूटने से बचा पायेंगे ??????

डर लग रहा है कहीं इन स्वार्थी नेताओं की वजह से मेरी माँ के टुकड़े न हो जाये । जाग जाओ यार कब तक सोते रहोगे ????????????????

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