*वो कंगन की खन-खन,
वो पायल की छन-छन,
और साथ में उसका मुस्काना,
आंचल को दबाकर दांतों में-
याद आता है उसका शर्माना।
*देखा है लोगों को इकरार करते हुए,
काँटों की सेज पर भी प्यार करते हुए,
कभी तो उनको हमारी याद सताएगी,
किसी मोड़ पर मिलेंगे वो हमें इंतजार करते हुए.
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